पदाधिकारियों के बाद महापौर से लिया पंगा ; शिक्षा विभाग की प्रशासनिक अधिकारी की ‘घरवापसी’

उपसुझाव के जरिये राज्य सरकार की सेवा में वापस भेजने का प्रस्ताव पारित
पिंपरी। संवाददाता – शिक्षा समिति के साथ दूसरे पदाधिकारियों के बाद अब महापौर से ‘पंगा’ लेना शिक्षा विभाग की प्रशासन अधिकारी को महंगा साबित हुआ है। राज्य सरकार द्वारा पिंपरी चिंचवड़ मनपा के शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर आई प्रशासन अधिकारी ज्योत्स्ना शिंदे को पुनः सरकार की सेवा में भेजने का फैसला किया गया है। इसके लिए सत्तादल भाजपा ने न केवल खुद शिंदे को खबर न लगने दी बल्कि सभागृह को भी अंधेरे में रखा। ज्योत्स्ना शिंदे को राज्य सरकार की सेवा में वापस भेजने का प्रस्ताव विषयपत्र के प्रस्तावों में उपसुझाव के जरिये पारित किए जाने की जानकारी सामने आई है।
शिक्षा मंडल बर्खास्त होने के बाद शिक्षा समिति अस्तित्व में आई। उसके बाद शिक्षा विभाग की पहली प्रशासन अधिकारी के तौर पर ज्योत्स्ना शिंदे ने इसी साल 24 मई को पदभार संभाला। इससे पहले वे पुणे में प्राथमिक शिक्षा विभाग के स्कूली पोषण आहार कक्ष की सहायक निदेशक थी। पिंपरी चिंचवड मनपा में आने के बाद उनकी सत्तादल के नेताओं से कभी नहीं बनी। जहां शिक्षा समिति और मनपा के दूसरे नगरसेवक व पदाधिकारी उनसे खफा थे। वहीं महापौर राहुल जाधव भी उनसे नाराज हो गए। असल में महापौर पद की कमान संभालने के बाद जाधव ने मनपा स्कूलों का दौरा शुरू किया। उसमें से किसी भी एक दौरे में प्रशासन अधिकारी के तौर पर ज्योत्स्ना शिंदे शामिल नहीं हुई। महापौर की यही नाराजगी उनके लिए मुसीबत बन गई।

31 अक्टूबर को मनपा की सर्व साधारण सभा संपन्न हुई। इसमें विषयपत्र पर दर्ज प्रस्तावों में ‘घुसेड़े’ गए एक उपसुझाव के जरिए ज्योत्स्ना शिंदे को राज्य सरकार की सेवा में वापस भेजने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह उपसुझाव सभागृह में पेश ही नहीं किया गया न ही उसे दूसरे प्रस्ताव या उपसुझाव की तरह पढा गया। इससे मनपा के कई नगरसेवक अनजान हैं। हालांकि सभा के सभावृतांत (मिनट्स) में इस उपसुझाव का उल्लेख है। शिंदे की ‘घरवापसी’ का प्रस्ताव बाद में ‘घुसेड़े’ जाने की चर्चा मनपा गलियारे में जोरशोर में शुरू है। हालांकि इस बारे में पूछने पर महापौर राहुल जाधव ने इससे इंकार किया है। उन्होंने उपसुझाव के जरिए यह प्रस्ताव पारित किए जाने की पुष्टि की। यह जानकारी देते वक्त वे ज्योत्स्ना शिंदे के प्रति रही अपनी नाराजगी को छिपा न सके।