विश्व मधुमेह दिवस पर वॉकेथॉन जागरूकता रैली

पिंपरी। संवाददाता – विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में आदित्य बिरला मेमोरियल अस्पताल की ओर से चिंचवड वाल्हेकरवाड़ी चौक से अस्पताल तक वॉकेथॉन का शुभारंभ किया जिसमें अस्पताल के पैरामेडिक कर्मचारियों और डॉक्टरों ने भाग लिया। यह वॉकेथॉन मधुमेह के कारणों, उसकी रोकथाम और उसके विनाशकारी प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बैनर लिए हुए लोगों का एक शांत जुलूस था।
इस वॉकेथॉन के अलावा डांगे चौक, हिंजेवाड़ी, पिंपले सौदागर, औंध, पिंपले गुरव, पिंपरी, आकुर्डी, निगड़ी, रावेत, चिंचवाड़, भोसरी, देहू रोड, रेनबो प्लाजा जैसे 19 से अधिक स्थानों पर मुफ्त मधुमेह जांच शिविरों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों के जरिये बिर्ला अस्पताल द्वारा मधुमेह बीमारी के लक्षण, उसकी रोकथाम और उससे संबन्धी जटिलताओं के बारे में लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया गया।
इस बारे में अस्पताल की सीईओ रेखा दुबे ने कहा, भारत धीरे-धीरे दुनिया की मधुमेह राजधानी बनता जा रहा है। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह कई अल्पकालिक और दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बन सकता है। हमारा लक्ष्य वॉकेथॉन के माध्यम से लोगों को शिक्षित करना है कि मधुमेह का जीवनशैली से क्या संबंध है और यदि इसका शुरुआत में ही पता चल जाए तो लोग एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं। मधुमेह के बारे में जितना अधिक आप जानेंगे, आप उतना सुरक्षित रहेंगे। चाहे समस्यायें आहार, व्यायाम, धूम्रपान या शराब से संबंधित हों, यदि डॉक्टर और मरीज़ साथ मिलकर इनसे निपटें तो उन्हें आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है।
अस्पताल के मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. नितिन गाड़े ने कहा, जीवन शैली में किया जानेवाला बड़ा परिवर्तन, स्वस्थ आहार को अपनाने और शारीरिक काम-काज़ में बढ़ोत्तरी करने के साथ-साथ पर्याप्त नींद लेने, और नियमित जाँच-पड़ताल करवाना इस बीमारी से बचे रहने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ. एस के सिन्हा ने कहा, मधुमेह एक घातक बीमारी बन सकती है। विभिन्न सर्वेक्षणों से पता चला है कि भारत में मधुमेह की अधिकता मुख्य रूप से आसीन जीवनशैली, शारीरिक परिश्रम की कमी, मोटापा, तनाव एवं वसा, शर्करा और कैलोरी से परिपूर्ण आहार लेने के कारण होती हैं। यदि प्रारंभिक चरण में उपचार न हो और इसका उचित प्रबंधन नहीं किया जाए तो विनाशकारी जटिलताओं उत्पन्न हो सकती हैं।