व्हाट्सएप ने अपनी भुगतान सेवा की गोपनीयता नीति में किया बदलाव

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

व्हाट्सएप ने अपनी भुगतान सेवाओं को आम उपभोक्ताओं के लिए शुरू करने से पहले उसकी सेवा शर्तों और गोपनीयता नीति में बदलाव किया है। इसके अनुसार डेबिट कार्ड के आखिरी छह अंक और यूपीआई पिन जैसी संवेदनशील जानकारी संग्रह नहीं की जाएगी। गौरतलब हो कि, भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। इनमें करीब 10 लाख लोग व्हाट्सएप भुगतान सेवा का परीक्षण कर रहे हैं।

व्हाट्सएप के एक प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी अपनी भुगतान सुविधा के इस्तेमाल की आसान जानकारी देने के लिए सेवा शर्तों और गोपनीयता नीति में बदलाव कर रही है। भुगतान सेवा शुरू करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), बैंकों और भारत सरकार के साथ मिलकर काम किया। व्हाट्सएप को एनपीसीआई से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये वित्तीय लेनदेन सेवा शुरू करने के लिए बैंकों से समझौते की मंजूरी मिल गई है।

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि, कंपनी ने अपनी भुगतान सेवा शुरू करने की तारीख तय नहीं की है, लेकिन नियम व नीति में बदलाव से हम एक कदम आगे बढ़ गए हैं। बदली नीतियों के तहत व्हाट्सएप भुगतान सेवाओं का इस्तेमाल करने पर उपभोक्ता की अतिरिक्त जानकारियां भी अपने पास रख सकती है। इन सूचनाओं में दिन, समय और लेन-देन का रेफरेंस नंबर शामिल है। इसके अलावा जब कोई व्हाट्सएप उपभोक्ता भुगतान करेगा तब कंपनी भेजने व पाने वाले का नाम और उनका भीम-यूपीआई आईडी संग्रह कर सकती है।

पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने आरोप लगाया था कि व्हाट्सएप का यूपीआई भुगतान प्लेटफार्म सुरक्षा के लिहाज से जोखिम भरा है। यह आरबीआई के दिशा-निर्देशों पर खरा नहीं उतर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी भुगतान सेवा प्रदाताओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि लेनदेन का डाटा भारत में ही संग्रह होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एनपीसीआई को इसकी जांच का निर्देश दिया था। इसके चलते व्हाट्सएप ने भुगतान सेवा की गोपनीयता नीति में बदलाव लाए हैं।