Yerawada Central Jail | पुणे का येरवड़ा जेल ‘हाउसफुल’, जेल में क्षमता से ढाई गुना अधिक कैदी 

पुणे (Pune News), 20 अगस्त : राज्य के सबसे पुराने और बड़े जेल के रूप में पहचाने जाने वाले पुणे (Pune) का  येरवड़ा सेंट्रल जेल (Yerawada Central Jail) फ़िलहाल हाउसफुल (Housefull) है।  इस जेल में क्षमता से ढाई गुना अधिक कैदी बंद है।  कोरोना की वजह से फ़िलहाल रोजगार नहीं होने की वजह से समाज में अपराध के मामले बढ़ गए है।  इस वजह से राज्य के लगभग सभी जेलों (Yerawada Central Jail) में कैदियों (prisoner) को रखने की जगह नहीं बची है।  खास बात यह है कि कोरोना की वजह से बहुत सारे  कैदी पेरोल पर बाहर है।  इसके बावजूद जेलों में जगह कम पड़ रही है।

 

येरवड़ा जेल में क्षमता से अधिक ढाई गुना कैदी

पुणे (Pune) और आसपास के परिसर के पुलिस दवारा अपराधियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है।  पुणे में अब तक साढ़े तीन सौ लोगों के खिलाफ मकोका (MCOCA) के तहत कार्रवाई की गई है।  पुणे शहर, ग्रामीण, पिंपरी-चिंचवड़ आयुक्तालय (Pimpri-Chinchwad Commissionerate) के तहत आने वाले क्षेत्रों में अपराधियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई की जा रही है।  इसकी वजह से 2 हज़ार 449 कैदी की क्षमता वाले येरवड़ा जेल (Yerwada Jail) में 5 हज़ार 782 कैदी बंद है।

आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों की संख्या अधिक

पुणे के येरवड़ा जेल में आजीवन कारावास या अन्य लंबी सजा पाने  वाले कैदियों को रखा जाता है।  इसमें हत्या (Murder Case) के मामले में सजा पाने वाले कैदियों की संख्या सबसे अधिक है। इसके साथ-साथ चोरी के मामले में सजा पाए कैदियों की संख्या है।  येरवडा में हत्या के मामले में सजा पाए 202 कैदी है जबकि चोरी के मामले में सजा पाए 79 कैदी यहां बंद है।  बलात्कार के मामले में सजा पाए 27 कैदी इस जेल में बंद है।

कोरोना की वजह से कैदियों को छोड़ा गया

राज्य में कोरोना का कहर बढ़ने पर जेलों में बंद कैदियों के लिए खतरा बढ़ गया था।  राज्य के कई जेलों में पुलिस (Police) और कैदियों को कोरोना हो गया था।

इस वजह से पहली और दूसरी लहर में कैदियों को पेरोल और हाईकोर्ट के निर्देश पर छोड़ा गया है।  फिर भी जुलाई महीने के आखिर में राज्य की जेलों में 34 हज़ार 114 कैदी के बंद होने की जानकारी सामने आई है.

 

 

 

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